Youth club India https://youthclubindia.org/ unity, passion,growth Sat, 24 Feb 2024 10:15:53 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://i0.wp.com/youthclubindia.org/wp-content/uploads/cropped-Untitled-design-6.png?fit=32%2C32&ssl=1 Youth club India https://youthclubindia.org/ 32 32 230986172 Fight For Our Right https://youthclubindia.org/fight-for-our-right/ https://youthclubindia.org/fight-for-our-right/#respond Tue, 23 Jan 2024 08:58:13 +0000 https://youthclubindia.org/?p=61050  “युवा की बात: Fight For Our Right भारत, जो अपनी तेजी से बढ़ते युवा जनसंख्या के साथ एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है, वहां युवा नागरिकों के अधिकारों और उनके सपनों का भविष्य बनाने में एक महत्वपूर्ण पूर्ण भूमिका है।आज के भारत में युवाओं के बीच Fight For Our Right एक तेज़ और प्रगतिशील शक्ति […]

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 “युवा की बात: Fight For Our Right

भारत, जो अपनी तेजी से बढ़ते युवा जनसंख्या के साथ एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है, वहां युवा नागरिकों के अधिकारों और उनके सपनों का भविष्य बनाने में एक महत्वपूर्ण पूर्ण भूमिका है।आज के भारत में युवाओं के बीच Fight For Our Right एक तेज़ और प्रगतिशील शक्ति बन चुकी है, जो न्याय, समानता, और नेताओं की प्रतिबद्धता में योगदान देती है। ये लेख भारत में अधिकारों की लड़ाई के युवाओं के विविध पहलुओं को एक्सप्लोर करता है, जिसमें युवाओं के लिए महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, उनके संघर्ष और इसका सामाजिक-राजनीतिक दृष्टि पर होने वाले प्रभाव पर ध्यान दिया गया है।

Fight For Our Right

1.सामाजिक-राजनीतिक परिवेश का विकास:

a. बदलते समीकरण:

भारत का सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य एक बड़ा बदलाव दिख रहा है, जो मुख्य रूप से युवा और उनके तकनीक से भरा जीवन के कारण हुआ है। डिजिटल क्रांति ने युवाओं को सशक्त बनाया है ताकि वह अपने अधिकारों पर जोर दे सकें, और उनका योगदान नीति निर्धारण में हो। कैम्पस एक्टिविज्म से लेकर ऑनलाइन अभियान तक, युवा विविध प्लेटफार्मों का उपयोग कर रहे हैं ताकि उनकी आवाज सुनी जाए और नीति चर्चा में उनका योगदान हो।

b. युवाओं द्वारा की जाने वाली चुनौतियाँ:

ये बात सच है कि युवाओं को बड़ी संख्या में होने के बावजूद बेरोजगारी,कम रोजगार, और अधिकृत शिक्षा के अवसर से जूझना पड़ता है। Fight For Our Right पारंपरिक सोच से बाहर जा कर, पर्यावरण स्थिरता, लिंग समानता, और व्यक्तित्व की स्वतंत्रता जैसे मुद्दों को भी शामिल करते हुए, युवा अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। युवा नेतृत्व वाले आंदोलन नीति निर्माणों से पूछ रहे हैं कि बेरोजगारी के मूल कारणों का समाधान करें और एक ऐसे बदलाव को बढ़ावा दें, जिसमें अंतरराष्ट्रीय रूप से योगदान मिल सके।

2 . आर्थिक अधिकार और अवसर:

  • बेरोजगारी और काम रोजगार:

भारतीय युवाओं का एक मुद्दा है कि उनके लिए उपयुक्त नौकरियां कम है।युवा रोजगार सृजन, कुशलता विकास योजना में आर्थिक Fight For Our Right, और व्यवसाय के लिए एक सुखद बदलाव के लिए लड़ रहे हैं। युवा नेतृत्व वाले आंदोलन नीति निर्माण से कह रहे हैं कि बेरोजगारी के मूल कारणों का समाधान किया जाए और एक संभव नौकरी की गारंटी दी जाए। 

  • शिक्षा और कौशल विकास:

उच्च सितारा की शिक्षा और कुशलता विकास के अवसर तक पहुंचने का अधिकार भारतीय युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है। असमान्तर शिक्षा संरचना, सीमांत कौशल विकास, और उच्च ड्रॉपआउट रेट्स  ने उन्हें पूर्ण क्षमता प्रदान करने में रुकावट डाली है। युवा नेतृत्व वाली पहल शिक्षा सुधार, शामिल पाठ्यक्रम, और कौशल विकास योजनाओं के लिए प्रेस कर रहे हैं ताकि युवा अंतरराष्ट्रीय मैदान में भी टक्कर दे सकें।

3. सामाजिक न्याय और समानता:

  • लिंग अधिकार:

भारतीय युवा सामंत के लिए लड़ रहे हैं, जाट-पति परंपरा को चुनौती देकर और महिलाओं को और अलग-अलग पहचान वाले व्यक्तियों के अधिकारों के लिए आवाज उठा कर। लिंग आधारित हिंसा, अधिक धन का पुरूषों के साथ भेदभाव, और विविध क्षेत्रों में भिन्न, ये सब मुद्दे युवाओं के प्रतिवाद से गुजर रहे हैं। जमीनी स्तर के आंदोलन और ऑनलाइन अभियान युवाओं की आवाज को बढ़ावा देते हैं, जिनको जरूर वो एक अधिक समावेशी और न्यायिक समाज की मांग करते हैं।

  • जाति भेदभाव:

युवा समाज में एकाधिकारिता की या बढ़ रहे हैं, एक अधिक समग्र समाज की ओर। छुआ-छूत, आरक्षण और जाति के आधार पर पूर्व धारणाओं के खिलाफ लड़ाई में युवा मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। युवा एक समाज की मांग करते हैं जिसमें हर व्यक्ति को, जाति के बिना, एक जैसा अधिकार और अवसर मिले।

4. डिजिटल सक्रियता और व्यक्ति की स्वतंत्रता:

  • सोशल मीडिया का योगदान:

सोशल मीडिया का आगमन भारतीय युवाओं को एक शक्तिशाली स्थान प्रदान किया है जिसे उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए, समर्थन जमा किया, और नेताओं को जवाब देने का अधिकार पाया है। डिजिटल एक्टिविटी अधिकारों की लड़ाई का एक मूल्यांकित हिस्सा बन गया है, जिसके हैशटैग, ऑनलाइन याचिकाएं, और वायरल अभियान आम जनता के बीच में परिवर्तन को निर्देशित करते हैं। युवा इस तरह से नैतिक और सामाजिक संवाद का रूप लेकर, नए के लिए लड़ रहे हैं।

  • व्यक्तित्व की स्वतंत्रता के लिए चुनौतियां:

जबकि डिजिटल एक्टिविटी ने युवाओं को सशक्त बनाया है, वह ऑनलाइन सेंसरशिप और स्वतंत्रता की स्वतंत्रता पर भी रोक लगाता है। युवा नेतृत्व वाले आंदोलन इंटरनेट की स्वतंत्रता और विरोध का अधिकार के लिए आवाज उठा रहे हैं। खुला और समग्र डिजिटल स्थल के लिए लड़ाई न्यायिक  मूल्यों को सुर

अक्षित रखने और युवा को अपने विचार व्यक्त करने में स्वतंत्रता बनाए रखने का महत्वपूर्ण है।

5. पर्यावरण सक्रियता:

  • जलवायु परिवर्तन और सतत विकास:

भारतीय युवा अब पर्यावरण के मुद्दों को भी समझने लगे हैं, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में। युवा नेतृत्व वाली पर्यावरण सक्रियता, टिकाऊ व्यवहार, संरक्षण प्रयास, और नीति निर्माण के लिए हो रहा है। फ्राइडे फॉर फ्यूचर और स्थल के पर्यावरण पहले जैसे आंदोलन युवाओं को पर्यावरण सुरक्षा की ओर प्रेरित कर रहे हैं।

  • बी.संरक्षण और जैव विविधता:

पर्यावरण अधिकारों की लड़ाई जैव विविधता और प्राकृतिक राहों के सुरक्षा तक फैली है। युवा नेतृत्व वाले अभियान वनों की कटाई, प्रदूषण और अनुकूल विकास परियोजनाओं के ख़िलाफ़ बढ़ रहे हैं। युवा शक्ति से जुड़ रहे हैं, पेड़ों के रोपन ड्राइव, साफ-सफाई अभियान, और पर्यावरण को बचाने के लिए कानून संघर्ष में भाग लेने में।

6.राजनीति में भागीदारी और शासन:

  • युवाओं की राजनीति में भागीदारी:

युवाओं को राजनीति और शासन में भागीदारी एक अधिक महत्वपूर्ण पहलू है अधिकार की लड़ाई में। नए नेता लोग राजनीति में आ रहे हैं, जो नीतियां, पारदर्शी और जिम्मेदारी भरा शासन का समर्थन करते हैं। युवा नेतृत्व वाले आंदोलन नैतिक जागृति बढ़ाएं, मातृत्व में भाग लेने की प्रेरणा दें, और राजनीतिक परिदृश्य में व्यवस्था में परिवर्तन के लिए कार्य कर रहे हैं।

  •  नीति सुधारों के लिए समर्थन:

युवा नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन से लेकर नीति निर्माणों के साथ सहयोग करने तक का दायरा बढ़ रहा है। वैकल्पिक नीतियां लिखने से लेकर संवाद में शामिल होने तक, युवा ये सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी चिंता पॉलिसी स्टार पर पते की जाए। अधिकारों की लड़ाई में ये भी शामिल है कि नीतियां ऐसी हैं जो युवाओं की आकांक्षाएं और जरूरतों को मजबूत करती हैं।

7. भविष्य की उम्मीद और चुनौतियां:

जब युवा भारत में अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं, तो भविष्य में समझ और चुनौतियां दोनों हैं। युवाओं की बढ़ती हुई भागीदारी समझ और साकार परिवर्तन की इच्छा को दर्शाता है। लेकिन, राजनीति से दूरी, प्रणालीगत रुकावतें और लगातार शक्ति की जरूरत, इनमें से कुछ चुनौतियां हैं जो एक अधिक न्याय और समग्र समाज की ओर बढ़ने में रुकावट डाल सकती हैं।

निष्कर्ष:

भारत में युवाओं के बीच Fight For Our Right एक गतिशील और प्रगतिशील शक्ति है जो देश के लिए प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। आर्थिक अधिकार से लेकर सामाजिक न्याय तक, और पर्यावरण सुरक्षा से लेकर राजनीति में भागीदारी तक, युवा ने दिशा निर्धारित करने का और सकारात्मक परिवर्तन की या बढ़ाने का निर्देश दिया है। जब भारत भविष्य की तरफ देखता है, तो ये स्पष्ट है कि इसे जीवंत युवा जनसंख्या का सहयोग उसके सामाजिक, न्याय और अधिकार-केंद्रित समाज का निर्माण करने में एक मुख्य भूमिका निभाएगा। यह लगातार लड़े युवा की दृढ़ता और पक्षपात का परिचय करती है, एक ऐसे राष्ट्र की ओर, जहां अधिकार नहीं सिर्फ वचन किये जाते हैं, बाल्की उनको सकारात्मक रूप से सुरक्षित और समर्थन भी किया जाता है।

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Technology and Innovation https://youthclubindia.org/technology-and-innovation/ https://youthclubindia.org/technology-and-innovation/#respond Sat, 13 Jan 2024 14:03:54 +0000 https://youthclubindia.org/?p=61018 Technology and Innovation: कैसे चीजें बदलती हैं हमारी तेजी से बदलती दुनिया में, Technology and Innovation जैसे जादू है जो हमारे जीवन को अलग बनाते हैं। यह हमें जीने,काम करने में मदद करते हैं, हमें दूसरों से जोड़ते हैं, और जिंदगी को बेहतर बनाते हैं। चलिए एक यात्रा पर निकले, पहले बने उपकरणों से लेकर […]

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Technology and Innovation: कैसे चीजें बदलती हैं

हमारी तेजी से बदलती दुनिया में, Technology and Innovation जैसे जादू है जो हमारे जीवन को अलग बनाते हैं। यह हमें जीने,काम करने में मदद करते हैं, हमें दूसरों से जोड़ते हैं, और जिंदगी को बेहतर बनाते हैं। चलिए एक यात्रा पर निकले, पहले बने उपकरणों से लेकर आज के शानदार गैजेट्स तक।

Technology and Innovation

 उन्नति की  शुरुआत 

टेक्नोलॉजी वैसी है जैसे चतुर लोग जो समस्याओं का हल निकालने की कोशिश करते  हैं। बहुत पहले, किसी ने पहिया बनाया, और यह चीजों को हिलाने का तरीका बदल दिया। वक्त के साथ, हमें प्रिंटिंग, स्टीम इंजन, और बिजली मिली। ये आविष्कारों ने हमारे जीने का तरीका बदल दिया और नये अवसर खोले।

डिजिटल दुनिया

अब, हम ऐसे समय में हैं जहां सब कुछ अलग है और बहुत ही कुशल है। इंटरनेट एक बड़ा खुला हुआ पुस्तकालय है जो हमेशा खुला रहता है। स्मार्टफोन छोटे कंप्यूटर की तरह है, जो हमारी जेब में हमेशा साथ होते है, हमें बात करने में, मजा करने में, और काम करने में मदद करते हैं।

स्मार्टफोन्स: ये हैं छोटे गैजेट्स जो हम रोज इस्तेमाल करते हैं। ये हमें दूसरों से बात करने में, खेलने में, और काम करने में मदद करते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई):जब मशीनें कुछ सीख सकती हैं और समझदारी से काम कर सकती हैं, तो एआई का उपयोग करें। वर्चुअल असिस्टेंट और चतुर प्रोग्राम हमारे जीने को आसान बना रहे हैं।

अलग अलग क्षेत्रों में बदलाव

स्वास्थ्य: टेक्नोलॉजी स्वास्थ्य को बेहतर बना रही है। हम डॉक्टरों के माध्यम से वीडियो कॉल कर सकते हैं, और नए आविष्कारों से हम अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

परिवहन: खुद चलने वाली कार और बिजली से चलने वाली कार, ये हमारे सफर करने का तरीका बदल रहे हैं। ये न केवल हमारे बदलाव के लिए अच्छा है, बल्कि हमारे सफर को भी सुरक्षित बना रहे हैं।

ऊर्जा: हम नई तारीख ढूंढ रहे हैं जो बिना पृथ्वी को नुकसान पहुंचाए ऊर्जा बनाएं। सौर और पवन ऊर्जा इसका एक उधार है।

दुनिया को जोड़ना

टेक्नोलॉजी दुनिया को एक छोटा गांव बना देती है। हम किसी से भी, कहीं से भी बात कर सकते हैं। इसे अलग-अलग देश एक दूसरे के साथ काम कर सकते हैं और विचार बांट सकते हैं।

समस्या और न्याय

जबकि टेक्नोलॉजी बहुत अच्छी है, और टेक्नोलॉजी के बहुत से फायदे और नुकसान भी है वो कुछ समस्याएं भी साथ लेकर आती है। अपनी जानकारी को सुरक्षित रखना, और सबको बराबर का मौका देना, ये बहुत जरूरी है। हमें सावधान रहना चाहिए और सोचना चाहिए कि क्या सही है।

रचनात्मक होना और नए विचार

नए विचार चीज़ों को रोचक बनाते हैं। वो हमें समस्याओं का हल निकालने में और जिंदगी को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। स्कूल में, काम में, और हमारे जीवन में, नये और रंगीन तरीके से सोचने में बहुत जरूरी है।

सीखना हुआ आसान

टेक्नोलॉजी हमें ऐसे तरीकों से सीखने में मदद करती है जो मस्त है। ऑनलाइन कक्षाएं, डिजिटल किताबें, और खास ऐप्स से हमें हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता है।

 

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Technology ke Fayde aur Nuksan https://youthclubindia.org/technology-ke-fayde-aur-nuksan/ https://youthclubindia.org/technology-ke-fayde-aur-nuksan/#respond Tue, 02 Jan 2024 06:44:45 +0000 https://youthclubindia.org/?p=60947 “सफलता की दास्तां: टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान, डिजिटल दुनिया में कैसे बनें स्मार्ट यूजर्स” परिचय: Technology ke Fayde aur Nuksan कुछ साल पहले की बात है, जब मैंने अपने नए स्मार्टफोन के साथ एक नई डिजिटल दुनिया में कदम रखा। इस  सफर में मैंने देखा कि टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान एक सिक्के के […]

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“सफलता की दास्तां: टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान, डिजिटल दुनिया में कैसे बनें स्मार्ट यूजर्स”

परिचय:

Technology ke Fayde aur Nuksan कुछ साल पहले की बात है, जब मैंने अपने नए स्मार्टफोन के साथ एक नई डिजिटल दुनिया में कदम रखा। इस  सफर में मैंने देखा कि टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान एक सिक्के के दो पहलू हैं। मेरी ये दास्तान है एक आम इंसान की, जो अपने अनुभवों से सीखता गया और डिजिटल दुनिया में स्मार्ट यूजर बनने की राह चुनता गया।

Technology ke Fayde aur Nuksan

डिजिटल दुनिया के फायदे:

एक दिन, मेरे दोस्तों ने मुझे एक नया ऐप के बारे में बताया, जिसे मैंने अपने पढ़ने के समय मैनेज करा था। इस ऐप की मदद से मैंने अपने असाइनमेंट के  समय को  सही तौर पर शेड्यूल बनाया और अपने एकेडमी जीवन को बेहतर बनाया। ज्ञान का भंडार मेरे हाथ में था, बस उसे इस्तेमाल करने की ज़रूरत थी।

इसके अलावा, मैंने ऑनलाइन कोर्स ज्वाइन किया, जिनसे मुझे नए ज्ञान की खोज में मदद मिली। हर एक क्लिक ने मुझे एक नई दुनिया की तरफ बढ़ने का मौका दिया। इंटरनेट ने मेरी सोच को बदला और मुझे एक बेहतर व्यक्ति बनने का रास्ता दिखाया।

नुकसान और सुधार:

लेकिन, जैसी हर चीज़ के दो पहलू होते हैं, वैसी ही टेक्नोलॉजी के भी। मेरा एक दिन ऐसा आया जब मेरा स्मार्टफोन एक साइबर हमले का शिकार हुआ। मेरे  व्यक्तिगत डेटा का कुछ हिस्सा चोरी हो गया।इस घटना ने मुझे जागरूक बनाया और मैंने अपने साइबर सुरक्षा को सुधारने का फैसला किया।

एक दूसरा नुकसान जो मैंने महसूस किया, वो था स्वास्थ्य का। अधिक समय तक स्क्रीन के सामने रहने से मेरी आंखों में तकलीफ होने लगी थी। इसने मुझे ये समझने पर मजबूर किया कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल समय पर बंद करना भी जरूरी है।

डिजिटल दुनिया में स्मार्ट यूजर कैसे बनें:

मुझे ये अनुभव से एक सबक मिला कि टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करने के लिए हमें स्मार्ट यूजर्स बनने की जरूरत है।

सच्चाई को पहचानो:

टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल करने के लिए हमेशा सच्चाई को पहचानते रहो। हर खबर, हर जानकारी को वेरीफाई करो। फेक न्यूज से बचने का ये सबसे अच्छा तरीका है।

प्राइवेसी  का ध्यान रखें:

अपनी व्यक्तिगत जानकारी का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। सोशल मीडिया अकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग्स को कस्टमाइज करो। अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सीमित रखें।

समय प्रबंधन:

हमारा समय बहुत कीमती होता है। टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल करने के लिए हमें अपने समय को नियमित तौर पर मैनेज करना चाहिए। बिना जरूरत के समय बर्बाद ना करें।

साइबर सुरक्षा:

अपने ऑनलाइन सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें और अपने डिवाइस को नियमित आधार पर अपडेट करें। साइबर सुरक्षा पर हमेशा ध्यान दें।

सफलता की दास्तान:

मैंने इस सफर में एक बात हमेशा याद रखी  – Technology ke Fayde aur Nuksan का ज्ञान होना जरूरी है, लेकिन उसे स्मार्ट तरीके से लागू करना और नुकसान को सुधारने का जज्बा होना भी उतना ही जरूरी है।

मुझे एक दिन एक नए प्रोजेक्ट के लिए ऑनलाइन रिसर्च करना था। मैंने देखा कि मेरे डिवाइस पर कुछ सस्पीशियस एक्टिविटी हो रही थी। मेरे जज़्बात ने मुझे ये समझा दिया कि अब मुझे खुद को और अपने डेटा को सुरक्षित करना होगा। मैंने अपनी साइबर सुरक्षा को और भी मजबूत बनाया, और उसके बाद मे डिजिटल दुनिया में सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगा।

Conclusion :

डिजिटल दुनिया में स्मार्ट यूजर बनने का रास्ता थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन एक बार जब हम इस पर चलते हैं, तो ये सफर हमारे लिए रौशन हो जाता है। टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान को समझ कर, अपने अनुभव से सीखते हुए, हम एक बेहतर डिजिटल नागरिक बन सकते हैं। इस  दुनिया में सफलता की दास्तां लिखने के लिए, हमें स्मार्ट यूजर्स बनाना होगा, जिसे हम अपने अनुभवों से लिख रहे हैं, और आने वाले समय में भी लिखेंगे

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You Are Wasting Your Time https://youthclubindia.org/you-are-wasting-your-time/ https://youthclubindia.org/you-are-wasting-your-time/#respond Sun, 24 Dec 2023 18:56:02 +0000 https://youthclubindia.org/?p=60876 You Are Wasting Your Time: कैसे हम अपना वक्त गँवा रहे हैं” हेलो यूथ्स , आज हम बात करेंगे एक बहुत ही गंभीर और जरूरी समस्या के बारे में जो है You Are Wasting Your Time पर ये आज कल हमारे युवाओं में ज़्यादा देखने को मिलती है – वक्त की बर्बादी। हाँ, दोस्तो, लगता […]

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You Are Wasting Your Time: कैसे हम अपना वक्त गँवा रहे हैं”

हेलो यूथ्स ,

आज हम बात करेंगे एक बहुत ही गंभीर और जरूरी समस्या के बारे में जो है You Are Wasting Your Time पर ये आज कल हमारे युवाओं में ज़्यादा देखने को मिलती है – वक्त की बर्बादी। हाँ, दोस्तो, लगता है कि लाखों युवा आज कल अपना वक्त कैसे बर्बाद कर रहे हैं, इस पर थोड़ा गौर करना होगा।

You Are Wasting Your Time

सबसे पहले तो, सोशल मीडिया का जमाना है। हर किसी के पास स्मार्टफ़ोन है, और हर कोई अपने फोन में घंटों तक उलझा रहता है। इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, स्नैपचैट – इन सब पर वक्त बर्बाद हो रहा है। कुछ लोग तो दिन भर सिर्फ स्टोरी  देखते रहते हैं, या फिर मीम्स बना बना के अपना वक्त जाया कर देते हैं।

फिर आता है ऑनलाइन गेमिंग का चक्कर। पब जी, फ्री फायर, या फिर कोई और गेम –  लोग इन में खुद को खो देते हैं। एक गेम खेलने का प्लान बनता है, और फिर उसमें पूरा दिन चला जाता है। वक्त की कमी का बहाना बनाते  है, लेकिन असलियत तो ये है कि वक्त को सही तरीके से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं।

और फिर आ जाता है टालमटोल का मसला। बहुत से लोग हमेशा कहते हैं, “कल से पक्का काम शुरू करेंगे।” पर कल आता ही नहीं. ये ऐटिटूड  भी एक बड़ा कारण है वक्त की बर्बादी का। किसी भी काम को टाल देना, उसमें देरी करना – ये सब हमारे वक्त को चुरा लेता है।

इसी तरह, टीवी और फिल्में भी एक बड़ी दिक्कत है। हर कोई बड़ी-बड़ी सीरीज़ देखने में लगा रहता है। एक एपिसोड खत्म होता है तो अगले एपिसोड का इंतज़ार करते हैं। और इस प्रक्रिया में घंटे चलते हैं। एंटरटेनमेंट भी जरूरी है, लेकिन उसकी सीमा होना भी जरूरी है।

दोस्तों, हमें ये समझना होगा कि वक्त एक बहुत बड़ा गहराई का खजाना है। इसमे से एक घंटे का भी नुकसान हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, हमें अपने वक्त का सही इस्तेमाल करना चाहिए।

कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करके हम अपना वक्त बचा सकते हैं। सबसे पहले तो, अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करें। क्या हासिल करना है, क्या करना है – ये सब तय करें। फिर, अपनी दैनिक रूटीन  में टाइम मैनेजमेंट  करें। कितना वक्त पढ़ना है, कितना वक्त आराम करना है – सबको बैलेंस में रखें।

सोशल मीडिया और गेम्स का उपयोग लिमिट में  रखें। अगर आपको लगता है कि आपका फोन आपका ध्यान भटका रहा है, तो उसे बंद  करके अपने काम पर फोकस करें। टालमटोल करने से बचें, और हर काम को समय पर खत्म करें।

आख़िर में, मनोरंजन का भी अपना टाइम टेबल बना लें। टीवी और फिल्में देखना भी जरूरी है, लेकिन उसमें भी लिमिट मेंटेन करें।

दोस्तों, वक्त एक ऐसा तोहफा है जो एक बार चला गया, तो लौट कर नहीं आता। इसलिए, आज से ही अपने वक्त का सही इस्तेमाल  शुरू करें। क्योंकि, “वक्त का कोई मोल नहीं होता, पर वक़्त सब कुछ बेच देता है।”

जय हिन्द!!! 

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Short Story About Failure To Success https://youthclubindia.org/short-story-about-failure-to-success/ https://youthclubindia.org/short-story-about-failure-to-success/#respond Sun, 24 Dec 2023 18:55:08 +0000 https://youthclubindia.org/?p=60873 Short Story About Failure To Success: एक प्रेरणादायक कहानी” हर कहानी में होती है कुछ खास बातें, जो हमने सीखने  और समझने का मौका देती हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी सुनाएंगे Story About Failure To Success जिसमे  एक व्यक्ति ने रुकावटो  से गुजर कर सफलता की ओर अपना क़दाम बढ़या मिले अर्जुन […]

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Short Story About Failure To Success: एक प्रेरणादायक कहानी”

हर कहानी में होती है कुछ खास बातें, जो हमने सीखने  और समझने का मौका देती हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी सुनाएंगे Story About Failure To Success जिसमे  एक व्यक्ति ने रुकावटो  से गुजर कर सफलता की ओर अपना क़दाम बढ़या

मिले अर्जुन से, एक आम मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाला लड़का है। उसका सपना था अपने शहर को रोशनी से भर देना, लेकिन रुकावटे  उसके रास्ते में आई। अर्जुन के पापा को  कारोबार में नुकसान होने के कारण वे  कर्ज़ में चला गया, और घर के छोटे से बजट में उसे अपने सपने को पूरा करने में मुश्किल हो रही थी।

Short Story About Failure To Success

अर्जुन ने हार नहीं मानी। उसने फैसला किया कि वो रुकावटों को अपने इरादे की ताकत बनाएगा। पहले कदम में, उसने अपनी पढ़ाई को बेहतरीन  तौर पर हासिल किया और अच्छे अंक हासिल किये। उसने अपने शहर के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन हासिल किया, लेकिन ये तो सिर्फ शुरुआत।

कॉलेज के दिनों में भी रुकावटे  आई। फाइनेंशियल क्राइसिस  और  पार्ट टाइम जॉब से पढ़ाई में ध्यान देना मुश्किल हो गया। लेकिन अर्जुन ने असलियत को देखा – हर मुश्किल एक नया अवसर होता है। उसने अपने कॉलेज के सीनियर से मार्गदर्शन लिया और एक पार्ट टाइम जॉब में लग गया।

अर्जुन ने मेहनत और लगन के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की। उसकी मेहनत उसके प्रोफेसरों ने भी देखी और उसे  एक विशेष प्रोजेक्ट में शामिल होने का अवसर दिया। अर्जुन ने अपने स्कील  का बेहतरीन इस्तेमाल किया और प्रोजेक्ट को सफल तरीके से पूरा किया। इसने  उपयोग न केवल मान्यता, बल्कि छात्रवृत्ति भी प्रदान की गई।

इस  सफलता के बाद, अर्जुन ने एक और कदम उठाया। उसने अपने शहर के सौर ऊर्जा परियोजनाओं में वोलंटरी  कार्य किया। उसने अपने तकनीकी स्किल  का उपयोग करके कुछ नया किया, और इसलिए उसे एक प्रतिष्ठित पुरस्कार से भी  नवाजा गया।

लेकिन ये कहानी तभी ख़त्म नहीं हुई। अर्जुन ने अपने शहर के लोगों को रोशनी देने का इरादा पूरा किया। उसने एक स्टार्टअप शुरू किया, जिसमें वह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके affordable और टिकाऊ समाधान प्रदान करता है।

अर्जुन की कहानी से हमें ये सीखने को मिला है कि रुकावटों से गुजर कर भी हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। उसने हार नहीं मानी, लेकिन हर मुश्किल को अपने उद्देश्यों तक पहुंचने का एक नया अवसर माना।

इस कहानी से निकलने वाले सबसे बड़ा सीख है – रुकावटें  सिर्फ हमारे हौसलों को टेस्ट करती हैं, हमें रोकने के लिए नहीं। अगर हम अपने इरादों में पक्के हैं, तो कोई भी रुकावटे  हमें असली उदाहरण बन सकती है। अर्जुन की तरह, हमें भी अपने सपनों का पीछा करने में हिम्मत और लगन दिखनी चाहिए, क्योंकि सफलता का रास्ता कभी भी आसान नहीं होता, पर वो हमेशा हमारे इरादों की दिशा में होता है।

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Safalta ki Raah https://youthclubindia.org/safalta-ki-raah/ https://youthclubindia.org/safalta-ki-raah/#respond Sun, 24 Dec 2023 18:52:00 +0000 https://youthclubindia.org/?p=60871  “सफलता की राह: युवाओं के लिए कुछ प्रेरक टिप्स” हेलो  यूथ ! आज हम बात करेंगे एक ऐसे रास्ते की, जिसे पर चल कर हम अपने लक्ष्यों तक पहुँच सकते हैं – Safalta ki Raah युवाओं में जज़्बा और उत्साह भरा होता है, लेकिन सफल होने के लिए थोड़े से निर्देश और कुछ कदम उठाने […]

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 “सफलता की राह: युवाओं के लिए कुछ प्रेरक टिप्स”

हेलो  यूथ !

आज हम बात करेंगे एक ऐसे रास्ते की, जिसे पर चल कर हम अपने लक्ष्यों तक पहुँच सकते हैं – Safalta ki Raah युवाओं में जज़्बा और उत्साह भरा होता है, लेकिन सफल होने के लिए थोड़े से निर्देश और कुछ कदम उठाने पड़ते हैं।

Safalta ki Raah

लक्ष्य निर्धारित करें:

पहला कदम होता है अपने लक्ष्य को निर्देशित करना। आपको निर्णय लेना होगा कि आपको किस क्षेत्र में सफलता पानी है। जब आप अपने लक्ष्य को साफ तौर पर समझ लेंगे, तो आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सही कदम उठाने में मदद मिलेगी।

मेहरबान हो खुदा पर और खुद पे भी:

 सफलता पाने के लिए आपको अपने ऊपर और ऊपरवाले पर विश्वास रखना होगा। मेहरबान हो खुदा पर, लेकिन खुद पर भी भरोसा करना महत्वपूर्ण है। अपने आप को समझे, अपने गुण और क्षमता का एहसास करें।

पढ़ाई में ईमानदारी बनाए रखें:

अगर आप किसी भी क्षेत्र में सफलता पाना चाहते हैं, तो पढाई में ईमानदारी बनाए रखें। किताबों में डुबकी लगा कर नहीं , बाल्की समझने की कोशिश करें। नियमित रूप से पढ़ाई करें और अपने उद्देश्य को हासिल करने में लग जाए।

उम्मीद मत छोड़िए, हार मत मानिए:

 सफलता पाने का रास्ता कभी भी आसान नहीं होता। कभी-कभी आपको लग सकता है कि सब कुछ हार गए हैं, लेकिन उम्मीद मत छोड़िए। हार मत मानिये, बल्कि हर हार को एक नया सीखने का अवसर समझे।

समय का प्रबंध करें:

 समय का सही इस्तमाल करना भी एक महत्वपूर्ण कदम है। आपको अपने दिन का शेड्यूल तय करना होगा, ताकि आप अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ सकें। समय को बेकार में न खर्च करें, बल्कि उसका सही इस्तमाल करें।

सकारात्मकता बनाए रखें:

 जीवन में उतार-चढ़ाव तो होते ही हैं, लेकिन आपको हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। मुश्किलें आएंगी, लेकिन उनका सामना भी करना होगा। सकारात्मकता से आप अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ेंगे।

तो युवाओं, Safalta ki Raah पर चलने के लिए उठाइये कुछ कदम और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में  पूरी तरह से समर्पण करें। कभी हार नहीं मानें, और हमेशा उम्मीद और सकारात्मकता बनाए रखें। सफलता आपके कदम चूमेगी, बस आपको आने वाली चुनोतिओ के लिए तैयार रहना होगा!

 

शुभकामनाएं!

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Social Media Aur Yuva https://youthclubindia.org/social-media-aur-yuva/ https://youthclubindia.org/social-media-aur-yuva/#respond Sun, 24 Dec 2023 18:50:56 +0000 https://youthclubindia.org/?p=60869 Social Media Aur Yuva का रिश्ता आज कल काफी गहरा हो गया है। ये एक ऐसा जोड़ है जो हर किसी के स्मार्टफोन में बसा हुआ है। युवा पीढ़ी, जिसे हम अक्सर ‘डिजिटल पीढ़ी’ कहते हैं, इसमें सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने जीवन का एक अहम हिस्सा बनती है। लेकिन, इस रिश्ते में एक चुनौती भी […]

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Social Media Aur Yuva का रिश्ता आज कल काफी गहरा हो गया है। ये एक ऐसा जोड़ है जो हर किसी के स्मार्टफोन में बसा हुआ है। युवा पीढ़ी, जिसे हम अक्सर ‘डिजिटल पीढ़ी’ कहते हैं, इसमें सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने जीवन का एक अहम हिस्सा बनती है। लेकिन, इस रिश्ते में एक चुनौती भी छुपी हुई है – सोशल मीडिया की आदत।

Social Media Aur Yuva

सोशल मीडिया का इतनी तेजी से बढ़ना और युवाओं का इस पर इतना निर्भर हो जाना, इसमें कुछ खास बात है। सोशल मीडिया ने हमें एक नया तरीका दिया है अपने विचार व्यक्त करने का, दोस्ती बनाने का, और दुनिया से जुड़ने का। पर क्या ये आदत हमें सच में खुशी और समृद्धि दे  रही है, या सिर्फ एक भटकती आत्मा का काम कर रही है?

एक तरफ़, सोशल मीडिया ने युवाओं को अपने विचारों का इज़हार करने का मंच दिया है। हर एक व्यक्ति अपनी राय व्यक्त कर सकता है, किसी भी मुद्दे पर अपना विचार व्यक्त कर सकता है। लेकिन दूसरी ओर , ये आदत बन गई है। हर छोटी से बड़ी खुशी या गम का शेयर करना, हर कदम का अपडेट देना – ये सब रूटीन बन गया है। कुछ लोग तो अपने स्मार्टफोन को सुबह उठते ही चेक करते हैं, जैसी ही आंखें खुलती हैं।

क्या आदत का असर युवा के जीवन पर भी पड़ रहा है। लोग अपने असली जीवन को सोशल मीडिया के चक्कर में भूल जाते हैं। उनका ध्यान सिर्फ लाइक, कमेंट और फॉलोअर्स पर रहता है। इस तरह का व्यवहार न केवल व्यक्ति को अलग तौर से महसूस करने का कारण बनता है, बल्कि उसके सामाजिक जीवन को भी प्रभावित करता है। लोग सच्चाई को भूल जाते हैं और अपने जीवन को वर्चुअल दुनिया में ही जीने लगते हैं।

इसके अलावा, सोशल मीडिया का इस्तेमाल एक नई समस्या का कारण भी बन चुका है – युवा में तनाव और मानसिक समस्याएं। हर किसी का जीवन परफेक्ट नहीं होता, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग सिर्फ अपने खुश पलों को ही  दिखाते हैं। इससे  दूसरे लोग उनके जीवन से ज्यादा खुश महसूस करते हैं और अपने आपको कमजोर या असफल  महसूस करते हैं। ये अक्सर डिप्रेशन और चिंता जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।

युवा को अपने जीवन में एक संतुलित और व्यावसायिक रूप से सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए। ये उनके विचारों को व्यक्त करने का एक माध्यम है, लेकिन इसे सिर्फ एक व्यावसायिक तौर पर देखा जाए तो बेहतर होगा। लोगों को ये याद रखना चाहिए कि सोशल मीडिया सिर्फ एक हिस्सा है, असली जीवन तो वो है जो हमारे आस-पास है, हमारे रिश्तेदार, दोस्त और परिवार के साथ।

अंत में, ये सच है कि Social Media Aur Yuva का रिश्ता आजकल काफी मजबूत है। लेकिन इस रिश्ते को स्वस्थ रखने के लिए लोगों को अपने इस्तेमाल को संतुलित रखना होगा। सोशल मीडिया की आदत से बचने के लिए युवा को अपने जीवन में स्थितियों का सामना करना चाहिए और असली जीवन में खुश रहना चाहिए। इससे उनका मानसिक स्वास्थ्य भी सुधार सकेगा और उनका समय भी सही तरह से इस्तेमाल होगा।

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Phone Addiction https://youthclubindia.org/phone-addiction/ https://youthclubindia.org/phone-addiction/#respond Sun, 24 Dec 2023 18:49:55 +0000 https://youthclubindia.org/?p=60867 Phone Addiction: एक जवान की नज़र में” आज कल के जवान पीढ़ी में एक बड़ी समस्या है, और वो है Phone Addiction फोन की लत। है? आइए, हम इस पर थोड़ा गौर करें।   जवानी और फोन की लत: दुनिया में जवानों का स्वभाव बदल रहा है, और इसमें एक नया चक्कर शामिल हो गया […]

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Phone Addiction: एक जवान की नज़र में”

आज कल के जवान पीढ़ी में एक बड़ी समस्या है, और वो है Phone Addiction फोन की लत। है? आइए, हम इस पर थोड़ा गौर करें।

 

जवानी और फोन की लत:

दुनिया में जवानों का स्वभाव बदल रहा है, और इसमें एक नया चक्कर शामिल हो गया है – “फोन की लत” या मोबाइल की लत। आज कल, हर किसी के हाथ में एक स्मार्टफोन होता है, लेकिन क्या ये हमारे जवानों को एक नये खतरे के सामने खड़ा तो नहीं कर रहा है? चलिए इस विषय पर और गहराई  से चर्चा करते हैं।

Phone Addiction

फ़ोन की लत का असर:

फ़ोनों ने हमें एक नई दुनिया में तो लाया है, लेकिन क्या ये हमें सच में खुश और सम्पन्न बना रहा है? हम अपने फोन में इतना व्यस्त रहते हैं कि हम अपने आस-पास के महत्वपूर्ण लम्हें भूल जाते हैं। क्या ये सही है?

सोशल कनेक्शन की जगह, वर्चुअल कनेक्शन:

जब हम अपने दोस्तों के साथ बैठे होते हैं, तो कितनी बार हमारे फोन का इस्तेमाल हमें दूर ले जाता है? हम एक दूसरे से मिलने के बजाए, सोशल मीडिया पर ऑनलाइन होते हैं। इससे हमारी असली दुनिया की संवेदना खो जाती है।

जवान पीढ़ी और डिजिटल दुनिया:

डिजिटल दुनिया ने हमारे जवानों को नए मौके और गहरे रिश्ते दिए हैं। लेकिन, इसका इस्तेमाल समझदारी से करना भी जरूरी है। फोन की लत का असर नहीं सिर्फ व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन पर होता है, बल्कि उसका सामाजिक और व्यावसायिक जीवन पर भी असर पड़ता है।

इस समय, हमें ये याद रखना जरूरी है कि टेक्नोलॉजी हमारे लिए एक साधन है, लेकिन वो हमारे जीवन का एक भाग नहीं है। जवान लोगों को अपने लक्ष्य और सपनों की तरफ बढ़ने में ध्यान लगाना चाहिए, और तकनीक का सही उपयोग करके, एक स्वस्थ और संतुलित जीवन का अनुभव करना चाहिए।

स्वास्थ्य पर असर:

लम्बे घंटो तक फोन में लगे रहने से हमारे शरीर पर बुरा असर पड़ता है। नींद की कमी, तनाव, और चक्कर आना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ये हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

फ़ोन की लत से मुक्त होने के तरीके:

समय प्रबंधन: अपने दिन का शेड्यूल बनाएं और फोन का इस्तेमाल नियत करें।

ऑफ़लाइन समय: एक समय नियम से ऑफ़लाइन रहें और असली दुनिया में खो जाएँ।

शारीरिक गतिविधियां: व्यायाम और बाहरी गतिविधियों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।

हमारे यूथ क्लब का उद्देश्य:

हमारा यूथ क्लब ये नहीं चाहता कि हम फोन का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें। हम सिर्फ ये चाहते हैं कि हम इसका समय निर्धारित करें और अपने जीवन को आनंदमय बनाएं। हम एक दूसरे को समझने और समर्थन देने के लिए यहां हैं।

परिणाम :

जवानी एक ऐसा दौर है जब इंसान अपने आप को पहचानता है, अपने सपनों का पीछा करता है, और अपने लिए एक जगह बनता है।फोन की लत एक असली समस्या है, लेकिन इसका हाल हमारे हाथ में है। अगर हम अपने फोन को सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं, तो हम अपने जीवन को और आनंदमय बना सकते हैं। यूथ क्लब के माध्यम से हम एक दूसरे को सपोर्ट करते हैं और एक बेहतर समाज की ओर कदम बढ़ाते हैं।

इसलिए, चलिए मिलके अपने फोन से आजादी पाएं और एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन का आनंद उठाएं। जय जवान, जय हिंद!

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Indian school system https://youthclubindia.org/indian-school-system/ https://youthclubindia.org/indian-school-system/#respond Sun, 24 Dec 2023 17:34:16 +0000 https://youthclubindia.org/?p=60863 इंडियन स्कूल सिस्टम एक ऐसी चीज़ज़ जो की हमारी ज़िन्दगी के किम्मति दस सालो को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। मैं जब स्कूल में था तो मुझे अभी भी याद है में खुदा से ये बोलता था की जब में  बड़ा हो जाऊंगा तब मैं इस सिस्टम को चेंज करने के लिए पूरी […]

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इंडियन स्कूल सिस्टम एक ऐसी चीज़ज़ जो की हमारी ज़िन्दगी के किम्मति दस सालो को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। मैं जब स्कूल में था तो मुझे अभी भी याद है में खुदा से ये बोलता था की जब में  बड़ा हो जाऊंगा तब मैं इस सिस्टम को चेंज करने के लिए पूरी अपनी जी जान लगा दूंगा क्युकी जब में  सिस्टम के Go Through हो रहा था मुझे याद है।  5th  6th 7th 8th के दिन जब हम फालतू चीजों को पढ़के  रातके एग्जाम मैं लिखकर के आते थे और हमें कुछ भी समझा नहीं आता था की हम पढ़ा क्या रहे है स्कूल में मेम इम्पोर्टेन्ट मार्क आकर देती थी और इम्पोटेंट को की हम याद कर के  एग्जाम में छाप आते थे। बिना समझे की वो बोलना क्या चाह रहा है। इस तरीके से मेजर बच्चों ने अपनी क्लासें बितायी है। जो की किसी काम की पढ़ाई नहीं होती है। और पूरी तरीके से हमारे बचपन को  waste करने का तरीका होता है। 

आइये आज हम बात करते है। The History Of Indian Education System कई साल पहले जब ब्रिटिशर्स इंडिया के अंदर आये थे तो उन्होंने देखा की इंडिया के अंदर बड़ा ही डिफरेंट एजुकेशन सिस्टम है जिसको हम बोला करते थे The gurukul Education System और उन्होंने ये सोचा की जब तक इस सिस्टम को हम खतम नहीं करेंगे तब तक हम इंडिया के ऊपर राज नहीं कर पायेंगे तो ब्रिटिशर्स ने जितने भी गुरुकुल थे उन सबको खतम कर दिया और उन सभी को नास्ट कर दिया और उसके बाद उन्होंने इंडिया के ऊपर कब्जा करना शुरू कर दिया उसके बाद ब्रिटिशर्स बनाते है। खुद का Education System जिसको उन्होंने नाम दिया Indian Education System अब ये जो उन्होंने सिस्टम बनाया है न इसको उन्होंने अपने रेक्विरेमेंट के हिसाब से बनाया क्युकी उस समय ब्रिटिशर्स को कुछ लोगो की रेक्विरेमेंट थी ऐसे लोग की जिन्हे इंग्लिश बोलने अच्छी तरह से आनी चाहिए थी कुछ ऐसे लोग जो बिना कुछ सोचे समझे बस ब्रिटिशर्स के ऑडर को फॉलो करे कुछ ऐसे लोग जिनके अंदर लीडरशिप स्किल तो बिलकुल नहीं होने चाहिए क्युकी अगर लीडरशिप स्किल होती तो वो ब्रिटिशर्स के अगेंस्ट में रिवॉर्ड कर देते तो उन्होंने इसके ऑक्सोडिंग एक एजुकेशन सिस्टम को बनाया अब इसको में न रियल लाइफ से जो आज का हमारा एजुकेशन सिस्टम है न उसे थोड़ा compare कर के आप को देखता हु आज के समय पर स्कूल के अंदर इंग्लिश एक ऐसा सब्जेक्ट जो की compulsory सब्जेक्ट है। क्यों क्युकी ये पुराने समय से जब से ब्रिटिशर्स ने एजुकेशन सिस्टम बनाया है तब चलता आ रहा है। दूसरी चीज़ आप को भी पता है की आपको बहुत सारी चीज़े रटाई जाती है रटने के लिए कहा जाता है और बोला जाता है इन सारि चीज़ो को राटो और एग्जाम में answers को लिखा कर आओ ये भी ब्रिर्टिशेर्स ने ही बनाया था क्युकी उस समय पर ब्रिटिशर्स चाहते थे की लोग ज़यादा सोचे न लोग बस हमारे ऑडर्स को फॉलो करे और वो जो लीडरशिप वाली क्वालिटी उसको न बाने दे इसी वजह से इस पुरे सिस्टम को बनाया गाय। 

इसी चीज़ का एक और एक्साम्प्ले देता हु स्कूल के अंदर आप ने बिल्स तो जरूर देखी होगी वो घंटी जैसे ही पीरियड ख़तम होता है तो बजाय जाता है ये जो घंटी का आईडिया भी ब्रिटिशर्स ने आपने टाइम से लाया था क्यों क्युकी वो चाहते थे की बचपन से स्टूडेंट को आदत पड़ जाये ऑडर्स को फॉलो करने की ये जितने भी सरे सिस्टम है ये सब ब्रिटिशर्स के बनाये गए है दुख की बात तो ये है ये आज तक फॉलो किये जाते है सोचने वाली बात है की इस चीज़ के लिए जिम्मेदार कौन है तो इसके लिए जिम्मेदार है चॉचिंग इंस्टिट्यूट और स्कूल अभी समझता हु कैसे एक स्टोरी से समझते है इमेजिन करो दो  स्टूडेंट है एक स्टूडेंट क्लास 11th के अंदर biology लेता है और एक math लेता मतलब physics,chemistry ,biology या math जब मैंने दोनों स्टूडेंट की आपको स्टोरी बताई तो आप के मान मे किया आया आपके मान में पहला thought आया होगा biology वाला स्टूडेंट तो डॉक्टर बनेगा और ये जो math वाला स्टूडेंट  है वो तो  इंजीनियर बनेगा 99% लोगो की यही सोचा है वो ये नहीं सोचा पते अगर एक स्टूडेंट biology ले रहा है तो उसके पास बहुत सारे ऑप्शन है biology के अंदर केवल डॉक्टर ही एक ऑप्शन नहीं है। 

पर कोचिंग इंस्टिट्यूट की वजह से बस हमारे दिमाग में एक ही इमेज आती है की biology ली है तो डॉक्टर बनेगा अगर math ली है तो इंजीनियर बनेगा क्यों क्युकी आप किसी भी सहर के अंदर चले जाओगे कोटा,दिल्ली तो उसके अंदर आपको बड़े – बड़े पोस्टर्स दिखेंगे कोचिंग इंस्टिट्यूट के की हमारी कोचिंग के अंदर इस साल IIT ,JEE  की रैंक 1 आयी है हमारी ह कोचिंग के अंदर neet की रैंक 1 आयी है ये जो कोचिंग है ये आपको सपना बेचते है आपके पैरेंट को सपना बेचते है 

किस चीज़ का सपना रैंक का  सपना अगर हमारी कोचिंग से आपका बच्चा पढ़े गा तो उसकी भी रैंक 1 या तो रैंक 2 आएगी उसे काम तो हमारी कोचिंग अंदर तो आती ही नहीं हे  तो यही  रियलिटी है कोचिंग इंस्टिट्यूट की वो आपको सपने बेचते हे वो देखते हे की अगर आप हमारी कोचिंग के अंदर आओगे तो आपके अंदर ये रैंक आ सकती है और इन्ही कोचिंग की वजह से हम ये नहीं सोच पते है की कितने और ऑप्शन हैं जो की हम सोचा सकते है जैसे की finance,Ai,data science,न जाने कितने अलग -अलग ऑप्शन है जिसके अंदर आप अपना करियर बना सकते है हमारे अंदर एक ऑप्शन आता है जो की है IIT ,JEE ,NEET,UPSC,SSC 90% स्टूडेंट की लाइफ इधर ही खत्म हो जाती है जब की अलग – अलग courses जैसे की Data Science जिसका फ्यूचर के अंदर बहुत सारी जॉब्स आने वाली है उन सारे courses को लोग नेग्लेक्ट कर देता है अब आपको ये तो समझा आगया होगा ये जो कोचिंग इंडस्ट्री ये इस एजुकेशन सिस्टम के  लिए रेस्पोंसिबल है। 

अब अगला सवाल ये उठता है की स्कूल भी इस एजुकेशन सिस्टम के लिए रेस्पोंसिबल है तो इसका उत्तर हे हाँ न केवल स्कूल बाल्कि ये जो सोसाइटी हे न ये भी इस एजुकेशन सिस्टम के लिए रेस्पोंसिबल है अब इसी चीज़ को समझते है एक छोटी सी  स्टोरी के साथ ये स्टोरी एक राहिल नाम के स्टूडेंट की राहिल जो है वो क्लास 10th के अंदर आता है और अपने district के बेस्ट प्राइवेट इंस्टिट्यूट के अंदर एडमिशन ले लेता है वो ये सोचता है की ये वाला जो स्कूल है ये तो बेटस स्कूल है इसके टीचर्स भी बेस्ट इसके अंदर में  एडमिशन ले लेता हु और मुझे क्लास १०थ के अंदर किसी और कोचिंग जरुरत नहीं पड़ेगी पर कुछ समय बाद उसे ये समझा आ गया की ये जो स्कूल टीचर्स है न वो स्कूल के अंदर उतना अच्छा पढ़ते ही नहीं है फिर एक दिन उसका एक दोस्त आता हैं और उसका दोस्त ये बताता है की वो जो उनके math के टीचर है न जो की स्कूल के अंदर अच्छा नहीं पढ़ते वही टीचर उनके जो प्राइवेट कोचिंग क्लासेज है उनके अंदर बहुत अच्छा पढ़ते है पहले तो वो स्टूडेंट शॉक हो जाता है और सोचता है ऐसे थोड़ी न होता है math टीचर अगर स्कूल में  अच्छा  नहीं पढ़ते तो टूशन के अंदर वो अच्छा  कैसे पढ़ेंगे पर एक दिन वो जाता है उन्ही टीचर के चॉचिंग क्लास के अंदर और वो जाकर ये देखता है ये बिलकुल सच था की वही टीचर जो स्कूल में  अच्छा नहीं पढ़ा रहे पर अचनाक से उनके टूशन के अंदर वो बहुत अच्छे मेथड से पढ़ने लगते है और यही रियलिटी है 90%ऑफ़ प्राइवेट इंस्टिट्यूट  के टीचर्स की क्युकी जितने भी इंस्टिट्यूट टीचर्स है वो एक प्राइवेट कोचिंग जरूर पढ़ते है जिसकी वजह से वो स्कूल में उतना अच्छा  नहीं पढ़ा पते पर एक आपको समझनी पड़ेगी की इसमें गलती बिलकुल भी टीचर्स की नहीं है  क्यों क्युकी आपको मई रियलिटी बताता हु इंडियन के अंदर एक टीचर जैसी जॉब जो की one of the best job मानी जाती थी पुराने जमने मई टीचर्स को पूजा जाता था इसे जॉब की आज के समय पर इंडिया की avg salary?पता है कितनी 20-25हज़ार रुपये केवल एक टीचर जैसे इतनी बड़ी जॉब को इतना काम पैसा मिलेगा तो आम से बात है न उस टीचर को अपने घर को चलने के लिए प्राइवेट कोचिंग में तो पढ़ना ही पड़ेगा न ये बात सिर्फ यह तक खतम नहीं होती एक टीचर को समज मे इस सोसाइटी मे इज़्ज़त नहीं मील पति इसको भी में एक Example से समझा ता हु बचपन से आपके पार्टेंस ने आपको क्या बोला होता है बीटा तू इंजीनियर बान बीटा तू  डॉक्टर बीटा तू IASबन पर आपके पेरेंट्स ने आज तक आपको ये बोला की बीटा तू टीचर बन नहीं सिर्फ 1%पेरेंट्स ऐसे होते जो अपने बच्चे को टीचर बनान चाहते है बाकि सब लोग इंजीनियर ,डॉक्टर ,ias इन्हे फील्ड मई अपने बच्चो को ले जाना चाहते है। 

तो एक टीचर को न ही सैलरी मिल रही है न  नहीं इज़्ज़त मिल रही  तो अगर  एक टीचर जैसी जॉब के साथ ये  होगा तो एजुकेशन सिस्टम कैसे अच्छा हो पायेगा।

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Josh Jazba Junoon https://youthclubindia.org/josh-jazba-junoon/ https://youthclubindia.org/josh-jazba-junoon/#respond Sun, 24 Dec 2023 17:04:43 +0000 https://youthclubindia.org/?p=60861 Josh Jazba Junoon – ये तीनो ही हैं वो आग जो हर मुश्किल को आसान बनाता है। इसमें छिपा है एक unbeatable spirit जो हर मंजिल को छू सकती है। जज्बे से भरी जिंदगी में हर चुनौती का सामना करना इसी में है असल जिंदगी जीने का मज़ा  आइए आज हम जानेगे ऐसे ही लड़के के […]

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Josh Jazba Junoon – ये तीनो ही हैं वो आग जो हर मुश्किल को आसान बनाता है। इसमें छिपा है एक unbeatable spirit जो हर मंजिल को छू सकती है। जज्बे से भरी जिंदगी में हर चुनौती का सामना करना इसी में है असल जिंदगी जीने का मज़ा 

Josh Jazba Junoon

आइए आज हम जानेगे ऐसे ही लड़के के बारे मे जो अपने देश के लिए कुछ करना चाहता है और कैसे एक लड़के ने अपने Josh Jazba Junoon जुनून से एक बड़ी कम्युनिटी और जरूरतमंद लोग की मदद की और नौजवानो को सही राश्ता दिखाया है 

एक छोटा सा शहर था, जिसके हर कोना में एक कहानी छुपी हुई थी ।और इस कहानी का हीरो था ,साहिल  एक नौजवान जिसका दिल जज़्बे  से भरा हुआ था। उसकी जिंदगी में एक ऐसा जुनून था, जो हर मुश्किल को चुनौती बनाने में बदल देता था।

साहिल का सपना था, देश के लिए कुछ करना। उसके दिल में एक जोश भरा हुआ था, एक जुनून जो उसे कहता था कि वो कुछ अलग करेगा। लेकिन, जैसी हर कहानी में होता है, उसके रास्ते में भी कई चुनौती थी 

उसने तय किया कि वह अपने शहर में एक युवा समूह बनाएगा – एक जगह जहां हर नौजवान अपने विचार व्यक्त कर सके, अपने सपनों का पीछा करे। पहली मुलाकात में कुछ दोस्त, जो उसके जज्बा में शामिल थे, और उन्होंने साथ भी दिया।

साहिल का जोश और जुनून वो जादू था जो सबको प्रेरित कर रहा था। युवा समूह ने शुरू किया एक जागरूकता अभियान – “दिल से देश तक।” हर सप्ताहांत, ये नोजवानो ने अपने शहर के छोटे-छोटे गांवों में जाकर शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के बारे में जागरूकता फैलाई। हर मीटिंग एक नया प्लान, एक नयी रणनीति लायी।

इस  यात्रा में, कुछ लोग आये और चले गये, लेकिन जो रह गये, वो थे असली योद्धा। साहिल ने समझा कि युवाओं का जोश सिर्फ बोलने से नहीं, एक्शन में दिखना चाहिए। उसने तय किया कि वह एक कम्युनिटी सेंटर बनाएगा, जहां जवानों को मुफ्त ट्यूशन मिले और उनका समग्र विकास हो।

इस काम को करने में कई चुनौतियां आईं, लेकिन उन्होंने  हार नहीं मानी। धन उगाहने वाले कार्यक्रम, सोशल मीडिया अभियान, और स्थानीय समर्थन से अपने सपने को हकीकत बनाया। हर नौजवान ने अपने स्किल और टैलेंट्स  का इस्तेमाल किया, और जज़्बात को एक साथ जोड़ कर उन्हें एक नया अध्याय लिखा।

एक दिन, उनकी मेहनत रंग लाई।कम्युनिटी सेंटर खुला, और वह एक जगह बन गई जहां हर कोई मिला, मुस्कुराया, और सीखने का मौका पाया। साहिल का जोश और जुनून वो ड्राइविंग फोर्स था जिसने एक छोटे शहर में एक बड़ा परिवर्तन किया।

इस कहानी से हमें ये सीखने को मिला है कि युवाओं का जज्बा, अगर सही दौर पर चैनलाइज किया जाए, तो वो किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है। हर नौजवान में छुपा हुआ पोटेंशियल , अगर सही दिशा में निकल जाए, तो वो देश के लिए एक संपत्ति बन सकता है।

साहिल ने दिखाया कि जब युवाओं का जोश सही काम में लग जाता है, तो वो एक नई सोच, एक नई उम्मीद ला सकता है। और इसी उम्मीद के साथ, हर युवा का सफर एक खास कहानी बन सकता है।

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