Problem of english language in India

 भारतीय विद्यार्थियों के लिए प्रेरक विचार”

भारत में शिक्षा का महत्व अनमोल है। लेकिन आज कल के युग में एक समस्या उठ रही है, जो है अंग्रेजी भाषा का महत्व और इसके साथ आने वाले चुनौतियाँ, खासकर  भारतीय विद्यार्थियों के लिए। आइए, इस विषय पर गौर करते हैं Problem of english language in India  और समझते हैं कि इस समस्या का समाधान कैसे हो सकता है।

Problem of english language in India

The Importance Of English language

अंग्रेजी एक ऐसी भाषा है, जो ग्लोबल अस्तर पर अपनी जगह बना चुकी है। व्यापार, विज्ञान, साहित्य और अन्य क्षेत्रों में अंग्रेजी का महत्व अधिक है। इसलिए, भारतीय विद्यार्थियों को भी अंग्रेजी सीखना जरूरी है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय अस्तर पर भी अपना मंच बना सकें। अंग्रेजी के बिना आजकल के समय में आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है।

 भयभीत भारतीय विद्यार्थी

लेकिन यह बात सत्य है कि भारतीय विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी सीखना एक बड़ी चुनौती है। कई विद्यार्थी, जिन्हें  हिंदी या किसी अन्य भाषा में पढ़ाई की आदत है, उन्हें अंग्रेजी में लिखना और बोलना मुश्किल लगता है। ये एक मानसिक संकट का कारण बन सकता है, और इससे उनका  आत्मविश्वास घट सकता है।

भाषा का अपना माहौल

एक बड़ा कारण इस  समस्या का ये भी है हमारी अपनी भाषा का माहौल है। भारत में विभिन्न भाषाएं हैं और हर राज्य में अलग-अलग भाषा का प्रयोग होता है। इस कारण, जब विद्यार्थी अंग्रेजी सीखने का प्रयास करते हैं, तो उन्हें अपने आस-पास के माहौल का सामना करना पड़ता है। इसका असर उनके मनोबल पर पड़ता है, और वे भयभीत हो जाते हैं।

 समस्या का समाधान कैसे हो सकता है?

इस  समस्या का समाधान संभव है अगर हम एक सोच बदल दें। हमें यह समझना होगा कि अंग्रेजी एक नया ज्ञान है, एक नया साधन  है, और इसे हमारे सांस्कृतिक विरासत में एक योगदान के रूप में देखा जाना  चाहिए। यदि हम इसे अपने का दृढ़ निश्चय करते हैं, तो यह संकट आसानी  से पार हो सकता है।

 शिक्षक और शिक्षा प्रणाली का योगदान

इस समस्या का हल निकलने में शिक्षकों का बड़ा योगदान होता है। शिक्षकों को विद्यार्थी को अंग्रेजी में समझने और बोलने में सहायता करना चाहिए। शिक्षण प्रणाली में भी सुधर की ज़रूरत है,ताकि विद्यार्थी बिना भय के अंग्रेज़ी में अपने विचारों को व्यक्त कर सकें। 

विद्यार्थियों का योगदान: आत्मविश्वास बढ़ाएं

विद्यार्थियों को भी अपने आप पर भरोसा रखना होगा। उन्हें यह समझना चाहिए  हैं कि गलतियाँ होना सामान्य है, और हर गलती एक नई सीख का मतलब है। वाह अपने आप को हिम्मत देकर अंग्रेजी में लिखें और बोलने का अभ्यास करें, ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े।

अंग्रेजी का संकट को पार करने में हम सबका योगदान

अंत में, हमारे देश के विद्यार्थियों को यह समझना होगा कि अंग्रेजी एक साधारण भाषा है, जो उन्हें आगे बढ़ाने में मददगार हो सकती है Problem of english language in India इस समस्या को पार करने में हम सबको एक साथ मिलकर काम करना होगा। शिक्षक, विद्यार्थी, और शिक्षा प्रणाली मिलके यहां संकट को पार कर सकते हैं, और भारत को एक नई ऊंचाई तक पहुंचा सकते हैं।

यदि हम सभी मिलके इस समस्या का समाधान ढूंढते हैं, तो हमारा देश एक नई उमंग के साथ  आगे बढ़ सकते  है, जिसमें भारतीय विद्यार्थी अंग्रेजी के माध्यम से वैश्विक मंच पर अपना प्रदर्शन करेंगे।

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